
1- बिखर जाते हैं सर से पाँव तक, वो लोग जो किसी बेपरवाह से बे-पनाह इश्क करते है।

2- शेरो-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है जनाब, लफ़्ज़ कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते।

3- बहुत मशरूफ हो शायद, जो हम को भूल बैठे हो, न ये पूछा कहाँ पे हो, न यह जाना कि कैसे हो।

4- तोड़ा कुछ इस अदा से ताल्लुक उसने ग़ालिब, के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रह गए।

5- आपके बिन टूटकर बिखर जायेंगे, मिल जायेंगे आप तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे, अगर न मिले आप तो जीते जी मर जायेंगे, पा लिया जो आपको तो मर कर भी जी जायेंगे।

6- मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं, जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं, जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले, मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।

7- जब्त से काम लिया दिल ने तो क्या फक्र करूँ, इसमें क्या इश्क की इज्ज़त थी कि रुसवा न हुआ, वक्त फिर ऐसा भी आया कि उससे मिलते हुए, कोई आँसू भी ना गिरा कोई तमाशा भी ना हुआ।

8- तुम खास नहीं हो ,मगर हर सांस में हो रू-ब-रू नहीं हो मगर ,हर एहसास में हो मिलोगे या नहीं मगर ,मेरी हर तलाश में हो चाहे पूरी हो या ना हो ,मगर हर आस में हो दूर ही सही तुम ,मगर फिर भी पास ही हो।

9- मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन, आवाजों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन, सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज, लेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन। – Noshi Gilani

10- अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी जिंदगी, सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।

11- शेरो-शायरी तो दिल बहलाने का ज़रिया है साहब, लफ़्ज़ कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते।

12- मेरी हर शायरी मेरे दर्द को करेगी बंया ए गम तुम्हारी आँख ना भर जाएँ, कहीं पढ़ते-पढ़ते।

13- कहीं किसी रोज़ यूँ भी होता, जो हमारी हालत है वो तुम्हारी होती, जो रात हमने गुजारी तड़प कर, वो रात तुमने भी गुजारी होती।

14- दो चार नही मुझे सिर्फ एक दिखा दो, वो शख्स जो अन्दर भी बाहर जैसा हो।

15- तेरे बाद मैंने मोहब्बत को जब भी लिखा गुनाह लिखा।

16- हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना, बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना, ज़िन्दगी तो बीत जायेगी ऐ दोस्त, बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना।

17- गुजारिश हमारी वह मान न सके, मज़बूरी हमारी वह जान न सके, कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे, जीते जी जो हमें पहचान न सके।

18- मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी, बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी, खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन, उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी।

19- वो तो शायरों ने लफ्जो से सजा रखा है, वरना मोहब्बत इतनी भी हसी नही होती।

20- सब मुझे ही कहते हैं की भूल जाओ उसे, कोई उसे क्यूँ नहीं कहता की वो मेरी हो जाए।

21- प्यार-मोहब्बत की बस इतनी सी कहानी है, एक टूटी हुई कश्ती और ठहरा हुआ पानी है, एक फूल जो किताबों में कहीं दम तोड़ चुका है, कुछ याद नहीं आता किसकी निशानी है।

22- वो एक पल ही काफी है जिसमे तुम शामिल हो, उस पल से ज्यादा तो ज़िंदगी की ख्वाहिश ही नहीं मुझे।

23- पल भर के लिए अगर वो हमे अपना बना ले, अपनी ज़िंदगी का अगर वो सपना बना ले, फिर भले ही दम निकल जाये हमारा, बस एक रात के लिए वो मुझे अपना बना ले।

24- कितने तोहफे देती है ये मोहब्बत भी दोस्तो, दुःख अलग रुस्वाई अलग, जुदाई अलग तन्हाई अलग।

25- तुझे खो कर पाने के लिए लिखता हूँ, आज भी तुझे भूल जाने के लिए लिखता हूँ।

26- हर खुशी के पहलू हातों से छुट गए, अब तो खुद के साए भी रूठ गए।

27- अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए, अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए।

28- जाना कहा था और कहां आ गए, दुनिया में बन कर मेहमान आ गए, अभी तो प्यार की किताब खोली थी, और न जाने कितने इम्तिहान आ गए।

29- हम तो मौजूद थे रात में उजालों की तरह, लोग निकले ही नहीं ढूंढने वालों की तरह, दिल तो क्या हम रूह में भी उतर जाते, उस ने चाहा ही नहीं चाहने वालों की तरह।

30- चेहरों को बेनक़ाब करने में ए बुरे वक़्त तेरा हज़ार बार शुक्रिया।
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